भैंस की वह कौन सी नस्ल जो आपको कम समय में मालामाल कर देगी, जाने …

    भैंस की नस्ल

    आज पूरे विश्व भर में भैंस पालन के सहारे किसान बढ़िया मुनाफा कमाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान खेती-किसानी के साथ-साथ पशुपालन के सहारे अपना जीवनयापन कर रहे हैं इसके लिए किसान सही नस्ल की भैंसों का चुनाव करें,ये बेहद जरूरी है। अगर किसान गलती से कम दूध देने वाली भैंस को घर लाता है तो वह घाटे में जा सकता है साथ ही उसका बिजनेस भी खराब हो सकता है।

    देखा जाए तो लगभग सभी जगहों पर अन्य दुधारू पशु के मुकाबले भैंस पालन पर ज्यादा जोर दिया जाता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अन्य दुधारू जानवरों के मुकाबले भैंसों में ज्यादा दूध देने की क्षमता होती है…

    हम आज अच्छी नस्ल की भैंस के साथ हम उन भैंसों के बारे में बता रहे हैं, जिनको घर लाने के बाद आप सालाना बंपर मुनाफा निकाल कर मालामाल हो सकते हैं ।

    आज हम जिस भैंस की बात कर रहे हैं। उसे देश में मुर्रा भैंस के नाम से जाना जाता है। जब कभी भैंसों की नस्लों की बात आती है,सबसे पहले मुर्रा भैंस का ही नाम आता है। ये सबसे अधिक दूध देने वाली नस्ल होती है। वैसे तो मुर्रा नस्ल की भैंस हरियाणा के रोहतक, हिसार व जींद और पंजाब के नाभा व पटियाला जिले में पायी जाती है, लेकिन अब तो कई राज्यों के पशुपालक मुर्रा भैंस को पालने लगे हैं। इसका रंग गहरा काला होता है और खुर और पूछ निचले हिस्सों पर सफेद धब्बा पाया जाता है।

    इसकी मुड़ी हुई छोटी सींग होती है। इसकी औसत उत्पादन क्षमता 1900 से 2000 लीटर प्रति व्यात होती है। इसके दूध में वसा की मात्रा 9 प्रतिशत के करीब होती है। उत्तर भारत के साथ साथ अब सभी जगहों पर इस भैंस को बड़े स्तर पाला जाने लगा है ।

    इस भैंस की नस्ल 25 लीटर तक दूध दे सकती है

    जी हाँ मुर्रा नस्ली भैंस वजनदार और दिखने में काफी आकर्षक होती है। सामान्य भैंस के मुकाबले यह तीन से चार गुना अधिक दूध दे सकती है। जहां सामान्य प्रजाति की भैंस 8से 10 लीटर प्रतिदिन दूध देती है, वहीं मुर्रा भैंस 20 से 25 लीटर दूध दे देती हैं। यदि खानपान बेहतर कर दिया जाए तो दूध देने की यह क्षमता और बढ़ भी सकती है ।

    भैंस की इस नस्ल की देख रेख में क्या है जरूरी

    इस नस्ल की देख रेख में शैड की आवश्यकता होती है :

    हमेशा अच्छे प्रदर्शन के लिए,पशुओं को अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों की आवश्यकता होती है। पशुओं को भारी बारिश,तेज धूप,बर्फबारी,ठंड और परजीवी से बचाने के लिए शैड की आवश्यकता होती है। सुनिश्चित करें कि चुने हुए शैड में साफ हवा और पानी की सुविधा होनी चाहिए। पशुओं की संख्या के अनुसान भोजन के लिए जगह बड़ी और खुली होनी चाहिए,ताकि वे आसानी से भोजन खा सकें। पशुओं के व्यर्थ पदार्थ की निकास पाइप 30-40 सैं.मी. चौड़ी और 5-7 सैं.मी. लगभग गहरी होनी चाहिए।

    गाभिन पशुओं के देखभाल के लिए क्या करें :

    अच्छे प्रबंधन का परिणाम अच्छे कटड़े में होगा और दूध की मात्रा भी अधिक मिलती है। गाभिन भैंस को 1 किलो अधिक फीड दें, क्योंकि वे शारीरिक रूप से भी बढ़ती है।

    कटड़ों की देखभाल और प्रबंधन कैसे करें :

    जन्म के तुरंत बाद नाक या मुंह के आस पास चिपचिपे पदार्थ को साफ करना चाहिए। यदि कटड़ा सांस नहीं ले रहा है तो उसे दबाव द्वारा बनावटी सांस दें और हाथों से उसकी छाती को दबाकर आराम दें। शरीर से 2-5 सैं.मी. की दूरी पर से नाभि को बांधकर नाडू को काट दें। 1-2 प्रतिशत आयोडीन की मदद से नाभि के आस पास से साफ करना चाहिए।

    सिफारिश किए गए टीके क्या हैं :

    उनके जन्म के ठीक 7-10 दिनों के बाद ही इलैक्ट्रीकल ढंग से कटड़े के सींग दागने चाहिए।
    30 दिनों के नियमित अंतराल पर डीवार्मिंग देनी चाहिए। 2-3 सप्ताह के कटड़े को विषाणु श्वसन टीका अवश्य दें। क्लोस्ट्रीडायल टीकाकरण 1-3 महीने के कटड़े को दें।

    मुर्रा नस्ल की भैंस को कैसे पहचाने :

    जैसा की हमने आपको बताया मुर्रा विश्व की सबसे अच्छी भैंस की दुधारू नस्ल है।यह मुख्य रूप से हरियाणा के रोहतक, हिसार, जिन्द ब करनाल जिले तथा दिल्ली व पंजाब में पाई जाती हैं।

    इसे पहचानने का तरीका कुछ इस प्रकार है

    ●मुर्रा भैंस के सींग जलेबी आकार के होते हैं।
    ●इस भैंस का रंग गहरा काला होता है।
    ●इनका सिर छोटा होता हैं।
    ●मुर्रा भैंस की गर्भा अवधि 310 दिन की हौती है तथा दूध शिराएँ उभरी हौती है।
    ●इसके सिर, पूँछ और पैर पर सुनहरे रंग के बाल पाये जाते हैं।
    ●इनकी पूँछ लम्बी तथा पिछला भाग सुविकसित होता है।
    ●इनका अयन भी सुविकसित होता है।
    ●मुर्रा भैंस को हरियाणा तथा कई जगहों पर काला सोना कहा जाता है ।

    डायरी वाले दूध में फैट की मात्रा के हिसाब से दूध का दाम ते करते हैं । पर आमतौर पर 9 प्रतिसत फैट वाले दूध की कीमत 50 से 60 रूपया तक होती है। कई बार पशुपालक दूध को ग्राहकों को घर तक पहुंचाते हैं इसके बदले ग्राहक मनचाहा रूपिए प्रति लीटर के हिसाब से देती है ।

    इस भैंसों की खास बात यह भी है कि ये भैसें किसी प्रकार की जलवायु में भी जीवित रहने में सक्षम होती हैं। इसलिए भी लोग इसे पालन पसंद करते हैं हालांकि, जानकारी के अनुसार यह भैंसे ज्यादा शोर में रहना पसंद नहीं करती है और शांति में रहना पसंद करती है। ऐसे में इन भैंसों को पालने वाले लोग अक्सर इन्हें शोर, साउन्ड अथवा शोर से दूर थोड़ी शांत जगह पर रखते हैं। इसलिए कई लोगो के द्वारा इसे थोड़ी शर्मीली भैंस भी कहते हैं। इसे लोग खूब पसंद करते हैं इसलिए इस भैंस के सीमन का भी काफी व्यापार हो रहा है ।

    इस भैंस की अनुमानित कीमत क्या है ?

    भैंस में अलग अलग तरह की प्रजाति होती है। पर इस भैंस की नस्ल यानि मुर्रा भैंस कीमत की बात करें तो इसकी कीमत मार्केट में 1 लाख से अधिक ही होती है।

    इनमें कई भैंस 3-4 लाख तक आ जाती है तो कई भैंसों की कीमत तो 50 लाख तक आंकी जाती है। वहीं मेरापशु 360 एप तथा वेबसाईट पर इस भैंस की कीमत 70,000 से शुरू होती है । साथ ही इसे ऑनलाइन ऑर्डर करने पर अन्य सुविधाओं के साथ आपके घर तक बिना किसी अधिक शुल्क के पहुंचाया जाता है ।